QUICK BITES
- 4 घंटे से लेकर 72 घंटे तक हो सकता है माइग्रेन का दर्द।
- जी मिचलाना, उल्टी आना, फोटोफोबिया आदि होते हैं इसके लक्षण।
- एपिसॉडिक और क्रॉनिक इल दो प्रकार का होता है माइग्रेन।
- दालचीनी को पीसकर इस लेप को माथे पर लगाने से होता है आराम।
माइग्रेन के दौरान सिर में बहुत तेज दर्द होता है। यह मस्तिष्क में सूजन के कारण होने वाली समस्या है। माइग्रेन होने पर क्या किया जाए यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण सवाल है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि माइग्रेन होने पर क्या किया जाए। माइग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द है। माइग्रेन के दौरान सिर में पहला हल्का दर्द होता है, जो धीरे-धीरे तेज होता जाता है। यह सिरदर्द चार घंटे से लेकर 72 घंटे तक भी बना रह सकता है। इसमें सिर के पिछले हिस्से में गर्दन के पास से लेकर पूरे सिर में भंयकर दर्द होता है। माइग्रेन किसी भी आयु में हो सकता है। माइग्रेन का प्रुख कारण आजकल की अव्यवस्थित और तनावपूर्ण जिंदगी है। जिसके चलते हम न तो अपने खान-पान पर ध्यान दे पाते हैं और न ही सेहत पर। परिणामस्वरूप जाने अनजाने माइग्रेन जैसे रोगों के शिकार बन जाते हैं।
आज के बदलती जीवनशैली में हर व्यक्ति के जीवन में भागदौड़ और बहुत सारा तनाव है। इस वजह से जीवनशैली में बदलाव आना स्वाभाविक है। और इस बदलाव के कारण हमें कई शारीरिक समस्याओं से भी जूझना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है माइग्रेन। यह प्राय: शाम के समय शुरू होता है और इसमें सिर में एकतरफा दर्द होता है। इसलिए आम बोलचाल की भाषा में इसे अर्द्धकपाली भी कहा जाता है।
माइग्रेन दो प्रकार का होता है।
1- एपिसॉडिक माइग्रेन (प्रासंगिक माइग्रेन)
2- क्रॉनिक माइग्रेन (दीर्घकालिक माइग्रेन)
माइग्रेन होने पर जीभ का मिचलाना, उल्टी आना, फोटोफोबिया (प्रकाश वृद्धि पर संवेदनशील होना), फोनोफोबिया (ध्वनि वृद्धि में संवेदनशीलता) और शारीरिक गतिविधियों का बढ़ जाना जैसे लक्षण होते हैं। इसमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स (मस्तिष्क की बाहरी परत है, जो कि टिशू है) में वृद्धि के कारण उत्तेजना और दर्द होता है। इसके होने के कई कारण होते हैं जैसे - मौसम में बदलाव (विशेषचौर पर मानसून में), अधिक शोर-शराबा, बहुत तेज आवाज, शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव, रोशनी का कम और ज्यादा होना, किसी प्रकार का तनाव, नींद पूरी न होने पर, धूम्रपान करने से माइग्रेन के रोगी प्रभावित होते हैं।
कभी-कभी यह लगभग 4 से लेकर 72 घंटे तक बना रहता है। इसमें सिर के पिछले हिस्से में गर्दन के पास से लेकर पूरे सिर में बहुत भंयकर दर्द होता है। माइग्रेन किसी भी आयु में हो सकता है। यह आजकल की अव्यवस्थित जिंदगी की देन है। जिसमें हम अपने खानपान पर नियमित ध्यान नहीं दे पाते हैं। परिणामस्वरूप जाने-अनजाने माइग्रेन जैसे रोगों के शिकार बन जाते हैं।
माइग्रेन होने पर क्या करें
- माइग्रेन होने पर ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें इससे रक्त धमनियां फैल जाती हैं और अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती हैं।
- माइग्रेन होने पर अपने दिमाग को तनाव मुक्त करने का प्रयास करें, गहरी सांस लें और मन को सांत करने का प्रयास करें। नियमित रुप से व्यायाम, योग और ध्यान करने से आपको इस समस्या से लड़ने की पूरी शक्ति मिलती है।
- ज्यादा देर तक भूखे न रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ ना कुछ खाते रहें। इससे बचने के लिए भोजन समय पर करना बहुत जरूरी होता है।
- माइग्रेन होने पर नियमित रुप से, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं लेनी चाहिये।
- माइग्रेन होने पर समान्य तापमान में जाने की कोशिश करें। अधिक ठंड या गर्मी के कारण माइग्रेन हो सकता है। खासतौर पर मौसम के बदलाव से खुद को बचाना चाहिए।
- माइग्रेन होने पर आराम करें। इसके लिए रोज कम से कम 6 से 8 घंटे की गहरी नींद लेना बेहद जरूरी होता है।
- बर्फ या ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें। इससे जो रक्त धमनियां फैल गयी हैंए वे फिर से अपनी पूर्व स्थिति पर वापस आ जायेगी।
- सिर पर मेहंदी का लेप लगा सकते हैं।
- दालचीनी को पीसकर इस लेप को माथे पर लगाने से माइग्रेन के दर्द से तुरंत आराम मिलता है।
- दालचीनी को पाउडर बनाकर दिन में चार बार ठंडे पानी के साथ खाने से भी इसमें आराम मिलता है।
- माइग्रेन सिर दर्द में अदरक बहुत फायदेमंद है। अदरक के सेवन से मिचली और उल्टी आना बंद हो जाती हैं।
- माइग्रेन सिर दर्द होने पर पिसी दालचीनी, अदरक का पाउडर, पिसी काली मिर्च और तुलसी पत्ती को मिलाकर एक मिश्रित पाउडर बना लें और इसे शहद के साथ खाएं। आपको तुरंत फायदा होगा।
- माइग्रेन होने पर रात का बहुत भारी भोजन न करें। रोत को केवल हल्का एवं फाइबर युक्त भोजन करें साथ ही सोते समय एक चम्मच त्रिफला तथा आंवले के चूर्ण को गुनगुने पानी से लें। इससे पेट साफ रहेगा और आप काफी आराम महसूस करेंगें।
- माइग्रेन सिर दर्द शुरू होते ही जीभ की नोक पर एक चुटकी नमक रख लें और आधा मिनट बाद पानी पी लें सर दर्द गायब हो जायगा।
- माइग्रेन में घर पर आराम करें, बाहर न जाएं, और यदि जाना ही पड़े तो जब भी घर से बाहर निकले छाता लें और सूरज की साधी तेज रौशनी से बचें।
माइग्रेन का दर्द अचानक ही शुरू होता है और कई बार खुद-ब-खुद ठीक भी हो जाता है। वैसे तो हाथों के स्पर्श और प्यार से मिलने वाला आराम किसी भी दवा से ज़्यादा असर करता है। इस दर्द में अगर सिर, गर्दन और कंधों की मालिश की जाए तो यह राहत दिलाने बहुत मददगार साबित हो सकता है।
इसके लिए आप हल्की खुश्बू वाले अरोमा तेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए एक तौलिये को गर्म पानी में डुबाकर, उस गर्म तौलिये से दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें। कुछ लोगों को ठंडे पानी से की गई मालिश से आराम मिलता है, तो इस बात को जांच लें। इसके लिए आप बर्फ के टुकड़ों का उपयोग कर सकते हैं। इसके अवावा कपूर को घी में मिलाकर सिर पर हल्के हाथों से मालिश करें।