Tuesday, March 29, 2016

माइग्रेन होने पर क्या करें

QUICK BITES

  • 4 घंटे से लेकर 72 घंटे तक हो सकता है माइग्रेन का दर्द।
  • जी मिचलाना, उल्टी आना, फोटोफोबिया आदि होते हैं इसके लक्षण।
  • एपिसॉडिक और क्रॉनिक इल दो प्रकार का होता है माइग्रेन।
  • दालचीनी को पीसकर इस लेप को माथे पर लगाने से होता है आराम।

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पित्त की पथरी के लिए असरकारी घरेलू उपचार

पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाने पर पथरी का निर्माण होता है। पित्त की पथरी को घरेलू उपचार के माध्‍यम से ठीक किया जा सकता है।
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    पित्त की पथरी के लिए उपाय

    पित्त में पथरी का बनना एक भयंकर पीड़ादायक रोग है। पित्त में कोलेस्‍टॉल और पिग्‍मेन्‍ट नामक दो तरह की बनती है। लेकिन लगभग अस्सी प्रतिशत पथरी कोलेस्ट्रॉल से ही बनती हैं। पित्त लिवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त फैट युक्त भोजन को पचाने में मदद करता है। लेकिन जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल और बिलरुबिन की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो पथरी का निर्माण होता है। पित्त की पथरी को घरेलू उपचार के माध्‍यम से ठीक किया जा सकता है।  image courtesy : getty images
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    सेब का रस और सेब साइडर सिरका

    बेशक, सेब डॉक्टर को दूर रखने में मदद करता है। इसलिए एक गिलास सेब के रस में सेब साइडर सिरका का एक बड़ा चम्मच मिलाकर नियमित रूप दिन में एक बार सेवन करना चाहिए। सेब में मेलिक एसिड होता है जो पित्त पथरी नरमी में सहायता करता है और सिरका पत्थर के कारण कोलेस्ट्रॉल बनाने से लीवर को रोकता है। यह एक पित्त की पथरी के हमले के दौरान दर्द को कम करने एक त्वरित उपाय है।  image courtesy : getty images
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    नाशपती

    नाशपती पित्त की पथरी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अमेरिका मेडिकल एसोसिएशन के अनुसार, लगभग 80 प्रतिशत पित्त में पथरी कोलेस्‍ट्रॉल के बनने से होती है। नाशपाती में पेक्टिन होता है इन पत्थरों को आसानी से फ्लश आउट के लिए कोलेस्ट्रॉल से भरे पित्त पथरी को बांधता है। image courtesy : getty images
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    चुकंदर, खीरा और गाजर का रस

    पित्ताशय की थैली को साफ और मजबूत करने और लीवर की सफाई के लिए चुकंदर का रस, ककड़ी का रस और गाजर के रस को बराबर मात्रा में मिलाये। यह संयोजन आपको पेट और खून की सफाई में भी मदद करता है। खीरे में मौजूद उच्च पानी सामग्री और गाजर में विटामिन सी की उच्च मात्रा मूत्राशय से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है।  image courtesy : getty images
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    सिंहपर्णी

    सिंहपर्णी के पत्ते लीवर का समर्थन, मूत्राशय के कामकाज में सहायता, पित्त उत्सर्जन को बढ़ावा, और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। एक कप पानी में एक बड़ा चम्‍मच सिंहपर्णी के पत्तों को मिलाये। फिर इसे अवशोषित करने के‍ लिये पांच मिनट के लिए रख दें। अब इसमें एक चम्‍मच शहद मिलाये। मधुमेह रोगियों को इस उपचार से बचना चाहिए।  image courtesy : getty images
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    पुदीना

    पुदीने में टेरपेन नामक प्राकृतिक तत्‍व होता है, जो पित्त से पथरी को घुलाने के लिए जाना जाता है। यह पित्त प्रवाह और अन्य पाचक रस को उत्तेजित करता है, इसलिए यह पाचन में भी सहायक होता है। पित्त की पथरी के लिए घरेलू उपाय के रूप में पुदीने की चाय का इस्‍तेमाल करें।  image courtesy : getty images
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    इसबगोल

    एक उच्च फाइबर आहार, पित्ताशय की थैली की पथरी के इलाज के लिए बहुत आवश्यक है।  इसबगोल घुलनशील फाइबर का अच्‍छा स्रोत होने के कारण पित्त में कोलेस्ट्रॉल को बांधता है और पथरी के गठन को रोकने में मदद करता है। आप इसे अपने अन्‍य फाइबर युक्त भोजन के साथ या रात को बिस्‍तर पर जाने से पहले एक गिलास पानी के साथ ले सकते हैं।  image courtesy : getty images
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    नींबू का रस

    नींबू का रस प्रकृतिक रूप से अम्लीय होने के कारण यह सिरके की तरह कार्य करता है और लीवर में कोलेस्ट्रॉल को बनने से रोकता है। हर रोज खाली पेट चार नींबू का रस लें। इस प्रक्रिया को एक हफ्ते तक अपनाएं। इससे पथरी की समस्या आसानी से दूर हो सकती है।  image courtesy : getty images
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    लाल शिमला मिर्च

    2013 में हुए एक अध्ययन के अनुसार, शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पथरी की समस्‍या कम करता है। एक लाल शिमला मिर्च में लगभग 95 मिलीग्राम विटामिन सी होता है, यह मात्रा पथरी को रोकने के लिए काफी होती है। इसलिए अपने आहार में शिमला मिर्च को शामिल करें। image courtesy : getty images
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    वाइन

    शोधकर्ताओं ने पाया कि 1/2 गिलास वाइन पित्त की पथरी के हमलों को लगभग चालीस प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसलिए वाइन के एक गिलास को अपनी दिनचर्या में शमिल करें इससे ज्यादा नहीं। image courtesy : getty images
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    साबुत अनाज

    पानी में घुलनशील फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों जैसे साबुत अनाज और अन्य अनाज को अपने आहार में भरपूर मात्रा में शामिल करें। फाइबर कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम कर स्वाभाविक रूप से पथरी को बनने से रोकने में मदद करते हैं। image courtesy : getty images

साइनस के उपचार के लिए दस कारगर घरेलू नुस्खे

QUICK BITES

  • साइनस के मरीजों को धूल मिट्टी से दूर रहना चाहिए।
  • साइनस के मरीजों के पास धूम्रपान न करें।
  • धूल-मिट्टी से बढ़ सकती है साइनस के मरीजों की परेशानी।
  • साइनस के मरीजों को अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए।
  • साइनस एक स्वास्थ्य समस्या है जिसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है। हालाँकि, आप कुछ एहतियाती उपाय लेने और घर पर सही उपचार करने के द्वारा इसके लक्षणों से राहत पा सकते है। यहाँ साइनस के इलाज के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार बताए जा हैं।

      1. श्वास संबंधी समस्याओं से आराम पाने के लिए, थोड़ा काला जीरे के बीज ले और उन्हें एक पतले कपड़े में बांधे। तुरंत राहत पाने के लिए इसका उपयोग सांस लेने के लिए करें।
      2. इसके अलावा, आप गर्म पानी में युकलिप्टुस तेल के पाइन तेल की कुछ बूँदें मिला सकते हैं और साइनस के लक्षणों से राहत पाने के लिए इसकी भांप ले सकते है।
      3. अपनी नाक और आंखों के चारों ओर नाक की रनिंग को रोकने के लिए जैतून का तेल लगाएं। यह आपकी नाक की रुकावट को साफ करने मे मदद करेगा।
      4. यदि आप साइनस इनफ्लेशन और सूजन से पीड़ित हो रहे हो, तो नाक के आसपास गर् और ठंडी पट्टी लगाएं।
      5. प्याज और लहसुन की तरह तीखे खाद्य पदार्थों साइनस के इलाज में अधिक फायदेमंद साबित होते है। आप इन खाद्य पदार्थों की एक छोटी राशि लेने के द्वारा शुरू कर सकते हैं और उन्हें धीरे - धीरे बढ़ा सकते हैं। आप अपने नियमित भोजन में इन खाद्य पदार्थों की राशि को शामिल कर सकते हैं।
      6. गाजर के रस में महान चिकित्सा गुणों शामिल है जो साइनस के इलाज में बहुत फायदेमंद है। आप एक ग्लास गाजर का रस अलग से या चुकंदर, खीरे या पालक के रस के साथ ले सकते है। यह साइनस के लक्षणो के उपचार में मदद करेगा।
      7. अधिक पानी पियें, इससे आपकी समस्‍या काबू में रहेगी। अधिक पानी पीने से मूत्र संबंधी कोई विकार भी नहीं होता। इसके अलावा करीब आधा लीटर पानी में एक चम्‍मच नमक और बेकिंग सोडा मिलाकर उस पानी से नाक धोने से भी लाभ मिलता है।
      8. धूम्रपान, सफाई उत्‍पाद, हेयर स्‍प्रे और अन्‍य धुंआ छोड़ने वाले उत्‍पाद आपकी समस्‍या को बढ़ा सकते हैं। जानकार इनमें से भी सिगरेट को सबसे बड़ा खतरा मानते हैं। अगर आपके परिवार में किसी को साइनस की समस्‍या है, तो उन्‍हें घर से बाहर जाकर ही धूम्रपान करना चाहिए। अच्‍छा तो यही रहेगा कि आप इस आदत को छोड़ दें, क्‍योंकि यह आपके लिए भी अच्‍छी आदत नहीं।
      9. साइनस के मरीजों को धूल से काफी परेशानी हो सकती है।अपने घर का वातावरण साफ रखिये।
      10. घर में वेंटिलेशन सही हो,  ताजा हवा आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है।
      ये घरेलू उपाय और कुछ सावधानियां आपको सायनस की परेशानी से बचाकर रख सकते हैं।

    दस घरेलू उपाय जो लीवर डिजीज से बचायें

    लीवर शुगर, फैट और आयरन के चयापचय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही यह पित्तरस उत्पन्न करके शरीर में चर्बी को घटाता है। लीवर प्रोटीन तथा रक्त के थक्कों के उत्पादन में भी मदद करता है। इ‍सलिए लीवर का स्‍वस्‍थ होना बहुत जरूरी होता है।
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      लीवर के लिए घरेलू उपाय

      मानव पाचन तंत्र में लीवर एक म‍हत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। विभिन्‍न अंगों के कार्यों जिसमें भोजन चयापचय, ऊर्जा भंडारण, विषाक्त पदार्थों को बाहर निकलना, डिटॉक्सीफिकेशन, प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन और रसायनों का उत्‍पादन शामिल हैं। लेकिन कई चीजें जैसे वायरस, दवाएं, आनुवांशिक रोग और शराब लिवर को नुकसान पहुंचाने लगती है। लेकिन यहां दिये उपायों को अपनाकर आप अपने लीवर को मजबूत और बीमारियों से दूर रख सकते हैं। image courtesy : getty images
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      हल्‍दी

      हल्‍दी लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करने के लिए अत्‍यंत उपयोगी होती है। इसमें एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते है और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करती है। हल्दी की रोगनिरोधन क्षमता हैपेटाइटिस बी व सी का कारण बनने वाले वायरस को बढ़ने से रोकती है। इसलिए हल्‍दी को अपने खाने में शामिल करें या रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में थोड़ी सी  हल्दी मिलाकर पिएं। image courtesy : getty images
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      पपीता

      पपीता लीवर की बीमारियों के लिए सबसे सुरक्षित प्राकृतिक उपचार में से एक है, विशेष रूप से लीवर सिरोसिस के लिए। हर रोज दो चम्मच पपीता के रस में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर पिएं। इस बीमारी से पूरी तरह निजात पाने के लिए इस मिश्रण का सेवन तीन से चार सप्ताहों के लिए करें। image courtesy : getty images
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      सेब का सिरका

      सेब का सिरका, लीवर में मौजूद विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन से पहले सेब के सिरके को पीने से शरीर की चर्बी घटती है। सेब के सिरके को आप कई तरीके से इस्‍तेमाल कर सकते हैं- एक गिलास पानी में एक चम्मच सेब का सिरका मिलाएं, या इस मिश्रण में एक चम्मच शहद मिलाएं। इस म‍िश्रण को दिन में दो से तीन बार लें। image courtesy : getty images
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      सिंहपर्णी जड़ की चाय

      सिंहपर्णी जड़ की चाय लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाले उपचारों में से एक है। अधिक लाभ पाने के लिए इस चाय को दिन में दो बार पिएं। आप चाहें तो जड़ को पानी में उबाल कर, पानी को छान कर पी सकते हैं। सिंहपर्णी की जड़ का पाउडर बड़ी आसानी से मिल जाएगा। image courtesy : getty images
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      आंवला

      आंवला विटामिन सी के सबसे संपन्न स्रोतों में से एक है और इसका सेवन लीवर की कार्यशीलता को बनाये रखने में मदद करता है। अध्ययनों ने साबित किया है कि आंवला में लीवर को सुरक्षित रखने वाले सभी तत्व मौजूद हैं। लीवर के स्‍वास्‍थ्‍य  के लिए आपको दिन में 4-5 कच्चे आंवले खाने चाहिए। image courtesy : getty images
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      मुलेठी

      लीवर की बीमारियों के इलाज के लिए मुलेठी का इस्‍तेमाल कई आयुर्वेदिक औषधियों में किया जाता है। इसके इस्‍तेमाल के लिए मुलेठी की जड़ का पाउडर बनाकर इसे उबलते पानी में डालें। फिर ठंड़ा होने पर छान लें। इस चाय रुपी पानी को दिन में एक या दो बार पिएं। image courtesy : getty images
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      अलसी के बीज

      फीटकोंस्टीटूएंट्स की उपस्थिति के कारण, अलसी के बीज हार्मोंन को ब्‍लड में घूमने से रोकता है और लीवर के तनाव को कम करता है। टोस्‍ट पर, सलाद में या अनाज के साथ अलसी के बीज को पीसकर इस्‍तेमाल करने से लिवर के रोगों को दूर रखने में मदद करता है। image courtesy : getty images
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      पालक और गाजर का रस

      पालक और गाजर का रस का मिश्रण लीवर सिरोसिस के लिए काफी लाभदायक घरेलू उपाय है। पालक का रस और गाजर के रस को बराबर भाग में मिलाकर पिएं। लीवर की मरम्मत के लिए इस प्राकृतिक रस को रोजाना कम से कम एक बार जरूर पिएं। image courtesy : getty images
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      एवोकैडो और अखरोट

      एवोकैडो और अखरोट को अपने आहार में शामिल कर आप लीवर की बीमारियों के आक्रमण से बच सकते हैं। एवोकैडो और अखरोट में मौजूद ग्लुटथायन, लिवर में जमा विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर इसकी सफाई करता है। image courtesy : getty images
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      सेब तथा पत्तेदार सब्जियां

      सेब और पत्तेदार सब्जियों में मौजूद पेक्टिन पाचन तंत्र में उपस्थित विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर लीवर की रक्षा करता है। इसके अलावा, हरी सब्जियां पित्त के प्रवाह को बढ़ाती हैं। image courtesy : getty images